Posts

Showing posts from March, 2021

बुंदेली लोक साहित्य का इतिहास

  लोक साहित्य मनुष्यता की  सा मसिक  अभिव्यक्ति का प्रतीक होते हैं जिनसे अंचल विशेष की भाषा बोली में लोक सांसे लेता है और अपनी जीवन प्रवेश इतिहास समकाल रितु धार्मिक सांस्कृतिक राजनैतिक व्यक्तिगत एवं समस्त विगत भावनाओं को प्रकट करता है बुंदेलखंड अंचल भी इसका अपवाद नहीं है प्राचीन काल में  दशार्ण  और चीन  देश के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र मध्य काल से बुंदेलखंड नाम से विख्यात हुआ बुंदेलखंड में लोक की अभिव्यक्ति की सुधीर परंपरा रही है जिसके सूत्र तेरहवीं शताब्दी से मिलने शुरू हो जाते हैं               भारत के हृदय के रूप में विद्यमान मध्य भारत का बुंदेलखंड प्रांत और लोक साहित्य की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है भौगोलिक दृष्टि से उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ने वाले द्वार के तौर पर अवस्थित इस क्षेत्र को अनेक बार विदेशियों के आक्रमण का दंश सहन करना पड़ा  फलतः   यहां के निवासियों तथा इसके लोक साहित्य में  वीरत्व  का भाव स्वभाविक रूप से  फलित हुआ अंतिम बुंदेला शासक  देव के शासनकाल में जन कवि जगनिक ने ...